jis tarh rat tnha h chand...
***सनी दी शायरी***
जिस तरह रात तन्हा हैं ना चाँद के बगैर,,,
उसी तरह हम भी तन्हा हैं "आप" के बगैर,,,,
जिस तरह रात तन्हा हैं ना चाँद के बगैर,,,
उसी तरह हम भी तन्हा हैं "आप" के बगैर,,,,
"शुभ रात्री"
22 April at 21:55·
22 April at 21:55·
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