""Holi""

11 March
"आज की कविता होली के नाम"
हैपी होली, हैपी होली।
रब भर दे, खुशियो से झोली।
तेरे गाल को, गुलाल से रंग दूँ,
संग ले के बच्चो की टोली।।
हैपी होली, हैपी होली....।1।
बुराइयोँ की फिर जलेगीं होली।
बोलेँगे अब सब मीठी बोली।
घर, आँगन अब साफ करेंगे,
बनायेँगे हम आज रंगोली।।
हैपी होली, हैपी होली...।2।
सात रंगो की ले कर थाली।
पी कर के हम भांग की प्याली।
नाचेँगे गायेँगे हम फिर,
ढोलक की तान हैँ बड़ी निराली।।
हैपी होली, हैपी होली...।3।
हाथ मेँ लेकर रंग की थैली।
एक बाल्टी रंग की घोली।
भाभी के संग हम भी खेले,
रंग-बिरंगे रंगो से होली।।
हैपी होली, हैपी होली...।4।
रंग की फिर मैँने गठरी खोली।
फिर "भारत माँ की जय" बोली।
प्रेम-प्रीत के रंग मेँ रंग जाऊ,
उनके संग बोलू, मीठी बोली।।
हैपी होली, हैपी होली...।5।
"मेरे जान से प्यारे, चाँद- सितारो से न्यारे, सभी दोस्तो को होली की बहूत-बहूत बधाई"

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