jai hind

सनी दी शायरी
चाहे छू ना पाऊ आसमाँ,
चाहे ना हो ऊचाँ नाम.....
मेरे रक्त का कतरा-कतरा,
आये मातृभूमि के काम.....
सनी"संतोष" लाखीवाल
ⓓⓐⓣⓔ : 21-01-2017

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