garib ki diwali
""सनी दी शायरी""
न जला सको तुम दीप अगर अपने घर के चौबारे में,
बस दीप एक जला देना उस घोर घने अंधियारे में।
खरीद जरा उनसे लेना जो बेच रहा मिट्टी के दिये,
खुशियों के दीप जला देना उस गरीब के भी घर-द्वारे में।।
न जला सको तुम दीप अगर अपने घर के चौबारे में,
बस दीप एक जला देना उस घोर घने अंधियारे में।
खरीद जरा उनसे लेना जो बेच रहा मिट्टी के दिये,
खुशियों के दीप जला देना उस गरीब के भी घर-द्वारे में।।
19/10/2017 09:22pm
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