bhai dhoj
"सनी दी शायरी"
बुराई मेरी सारी वो छिपाकर,
अच्छाई सबको बतलाती।
छिन-झपट कर खाती खाना,
लड़ती-झगड़ती और मनाती ।
सदा शहद-सी मीठी होती,
कभी नीम-सी कड़वी हो जाती।
सारे रिश्तो में जो न्यारी,
वही प्यारी बहिन कहलाती।।
बुराई मेरी सारी वो छिपाकर,
अच्छाई सबको बतलाती।
छिन-झपट कर खाती खाना,
लड़ती-झगड़ती और मनाती ।
सदा शहद-सी मीठी होती,
कभी नीम-सी कड़वी हो जाती।
सारे रिश्तो में जो न्यारी,
वही प्यारी बहिन कहलाती।।
21-10-2017 12:34am
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