कविता,फसल-सी होती हैं
"आज का मुक्तक"
कवि के उर में अगर थोड़ी-सी भी, हलचल सी होती है,
कल्पना बीज कविता का, कागज पर कलम से बोती है।
कवि की गम जुदाई दुख और खुशियां हैं उसमें शामिल,
कविवर के नीर से फलफूल कविता,फसल-सी होती हैं।।
:-सनी लाखीवाल
05-11-2017 08:52pm
कवि के उर में अगर थोड़ी-सी भी, हलचल सी होती है,
कल्पना बीज कविता का, कागज पर कलम से बोती है।
कवि की गम जुदाई दुख और खुशियां हैं उसमें शामिल,
कविवर के नीर से फलफूल कविता,फसल-सी होती हैं।।
:-सनी लाखीवाल
05-11-2017 08:52pm
Comments
Post a Comment
Thank you very much for comments