सच्ची मोहब्बत भाग-5

 

सच्ची मोहब्बत भाग-5

 सच्ची मोहब्बत भाग-5

शाम के 7 बज चुके थे कशिश जॉब से घर आ चुकी थी उसने शशि को फोन किया। दोनों में बात होने लगी कशिश, शशि के हाल-चाल पूछ रही थी। तभी शशि के पास सीमा का कॉल आता है। कशिश कॉल पर पहले से थी तो उसे होल्ड पर रख कर सीमा को भी कांफ्रेंस (कॉल) पर लेता है। अब शशि, कशिश के सामने सीमा से बड़े प्यार से पूछता है कि कैसे हो, क्या हाल है, कशिश अब किससे बात करती है। मतलब कशिश का बॉयफ्रेंड कौन है तो सीमा बोलती है तुम ही तो हो। वह सिर्फ तुमसे प्यार करती है और तुमसे ही बात करती है। शशि को गुस्सा आ जाता है और वह सीमा को सुनाने लग जाता है कि पता तो मुझे सब है, की कशिश किससे बात करती है और क्यू करती हैं।

तुमने तो कभी किसी एक से प्यार किया नहीं और सब लड़कों से मजे लेती रही, तो तुम क्या जानो प्यार का क्या मतलब होता है। तुमने खुद के साथ कशिश को रखकर खुद के जैसा ही बना दिया।

इतने में कॉल पर किसी लड़के की आवाज आती है। जो शायद सीमा के कॉन्फ्रेंस (कॉल) पर था। भाई आप किस आधार पर सीमा को यह सब कहे जा रहे हैं कि वह चरित्रहीन है और उसे प्यार का कोई मतलब नही पता। शशि के पूछने पर पता चला कि वह लड़का सीमा का प्रेमी था जो कि 11 साल से उसके साथ था। वह लड़का बोलता है भाई जब खुद का सिक्का ही खोटा हो तो दूसरों को दोष क्या देना। इतने में कशिश बोल पड़ती है जो पहले से ही कॉन्फ्रेंस(कॉल) पर थी कि शशि तुम्हें मेरी कसम है अभी की अभी कॉल काट दो। शायद कुछ ना कुछ गड़बड़ थी। कशिश कुछ ना कुछ अभी भी छुपा रही थी जिसके सामने आने से कशिश को डर लग रहा था। कशिश फिर बोलती है कि शशि यदि आपने अभी की अभी कॉल नहीं काटा तो अब आप उसका मरा हुआ मुंह देखोगे और वह कॉल काट देती है


***लेकिन शशि अब भी सीमा और उसके बॉयफ्रेंड से कॉल पर बात कर रहा था तभी सीमा का बॉयफ्रेंड बताता है कि यह लड़की सिर्फ आज से ही नहीं, तुम्हें शुरू से ही धोखा देती आ रही है और इसका केवल एक ही बॉयफ्रेंड नहीं 5,6 बॉयफ्रेंड है। मेरी सीमा की गलती सिर्फ इतनी-सी है कि इसको सब सच पता होने के बाद भी तुम्हें कुछ नहीं बताया एवं सबकुछ तुमसे छुपाती रही। आज तुम उसे ही चरित्रहीन बोले जा रहे हो। फिर सीमा बोलती है कि तुम कह रहे हो की कशिश ने मेरे कहने पर सौरभ के साथ दोस्ती की है तो क्या वह सौरभ के साथ ओयो भी मुझे पूछ कर गयी थी और क्या उसे ओयो में जाने के लिए मैंने बोला था। यह सब सुनकर शशि सुन हो चुका था जैसे काटो तो खून नहीं निकले।

फिर दोनों बोलते हैं कि भाई इस लड़की को छोड़कर अपने वहां की कोई अच्छी लड़की देख और सब कुछ भूलाकर अपनी नई जिंदगी की शुरुआत कर। शशि यह सब अपने फोन पर रिकॉर्ड कर लेता है। अब उनका फोन कट चुका था। शशि अब सोच रहा था कि कशिश ने मेरी कसम खाकर भी सच नहीं बताया। उसे अच्छे से पता है कि शशि को केवल सच पसन्द है और जब उसे पता चलेगा कि उसने बहुत झुठ बोला है तो वह उसे हमेशा के लिये छोड़ देगा। फिर भी उसने कितना कुछ छुपाया।

वह आज धौखे और सच की वजह से पूरा टूट चुका था। रात के 8:00 बज चुके थे। अपने कमरे में बंद, 2 दिन से भूखा-प्यासा शशि यह धोखा सहन नहीं कर पा रहा था और उसने अब खुदखुशी करने की सोच ली थी कि अचानक थोड़ी देर बाद शशि बेहोश हो जाता है। उसे कब होश आता है और नींद आ जाती है पता ही नहीं चलता।

सोते हुए शशि को सपना आता है कि वह रात को उठता है और पंखे से फंदा लगाकर खुदकुशी कर लेता है। सुबह होती है और जब 9:00 बजे तक शशि अपने कमरे से बाहर नही निकलता तो माँ को चिंता होती है। वह उसे जगाने के लिये आती है, दरवाजा खटखटाकर पुकारती है तो कमरे से कोई आवाज नहीं आती। मां सोचती है कि शायद रात को देर से सोया होगा इसलिए अभी तक नींद आ रही होगी और चली जाती है। अब लगातार एक घण्टे से कभी बहने तो कभी मां बारी-बारी से जगाने के लिये आती रहती हैं और पुकारते रहती हैं। सुबह के 10:00 बज चुके थे कमरे से कोई आवाज नही आ रही थी तो मां घबरा जाती है। फिर तीनों बहने और मां मिलकर कमरे का दरवाजा तोड़ते हैं और शशि को पंखे से लटका देखते ही मां धड़ाम से फर्श पर गिर जाती है। सिर फट जाता है बहने जोर-जोर से चिल्लाने लग जाती है। आसपास के सब लोग इकट्ठे हो जाते हैं शशि को पंखे से उतारते हैं और उसकी मां को हॉस्पिटल भेजते हैं वहां पता लगता है उसके सिर में लगने की वजह से वो पागल हो गई है सब यादाश्त जा चुकी है। दूसरी ओर बहनों का रो-रो कर बुरा हाल हो चुका है, सब बेसुध पड़ी है। घर में पूरे गाँव के लोग इकट्ठे हो चुके है। कुछ लोग नये-नये तरीके की बातें बना रहे थे कि शायद इसने कोई काण्ड कर दिया था या कहीं चोरी कर ली थी या फिर किसी के साथ कुछ गलत कर दिया था। कुछ लोग बोल रहे थे कि बुडी माँ व बहनों की शादी की जिम्मेदारी कंधों पर थी तो उठा नहीं पाता इसलिए खुदकुशी कर ली। जितने लोग उतनी बाते होती जा रही थी। लेकिन शशि के अच्छे व्यवहार की वजह से पूरे गांव की ही नहीं आसपास में भी सभी की आंखें नम थी। मात्र 2 घण्टे में ही शशि की लाश को उसके दोस्तों और परिवार के भाई लोगों के कंधों पर शमशान ले जाकर जला दिया गया। लेकिन घर का माहौल अभी भी वही था। 12 दिन तक तो परिवार के लोग, रिश्तेदार और दोस्त उसके घर पर बैठते हैं।

उसके बाद सिर्फ उसकी बहने और अर्द मृत पागल उसकी मां ही घर पर बचते है। अब तीनों बहने, भाई और उसकी मां को सोचकर रोती रहती। धीरे-धीरे घर का खाने का सामान भी खत्म हो गया। परिवार को चलाने के लिए बड़ी बहन ने किसी कपड़े की कम्पनी में काम करना शुरू कर दिया। एक बहन घर पर काम करती और मां का ख्याल रखती एवं दुसरी बहन खूब मन लगाकर पढ़ती क्योकि वह पढ़ने में बहुत होशियार थी। अब बेसहारा बहनों पर कई भूखे भेड़ियों के नजर रहने लगी। बड़ी बहन को इन मुसीबतों का ज्यादा सामना उठाना पड़ता क्योंकि वह काम के लिए बाहर जाती थी। बड़ी बहन कपड़े की कम्पनी के मालिक की गंदी नजर से भी परेशान हो चुकी थी वह कभी उसका हाथ पकड़ लेता तो कभी ऐसी-वैसी बाते बोल देता पर वह किसी को कुछ नहीं बोल पाती क्योंकि उसका था ही कौन ? उसके पास यह सब सहन करने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं था।

लेकिन एक दिन हद तो तब हो गई जब छुट्टी के समय उसके मालिक ने उसको पकड़ कर उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की तो वह दांत से उसका हाथ काट कर भाग आयी। अबकी बार बाहर दुनिया से वह बहुत परेशान हो चुकी थी वह अब मरना चाहती थी। शशि के मरने के बाद उसके कमरे में वह अकेले सोती थी। आज की रात उसने खाना नहीं खाया था और किसी को कुछ कह भी नहीं पा रही थी। अंदर ही अंदर घुठे जा रही थी और उसने सोच लिया था कि आज वह खुदखुशी कर अपनी जिंदगी समाप्त कर देगी। रात हो चुकी थी वह बहनों को तबीयत खराब का बहाना बोलकर, शशि के कमरे में आ जाती है और दरवाजा बंद कर पंखे से अपने दुपट्टे की रस्सी बनाकर बांधती है। इतने में चिल्लाते हुए शशि का सपना टूटता है। वह पूरा पसीने में भीग चुका था और धड़कने बहुत तेज धड़क रही थी।

रात का 1:00 बज चुका था शशि को पता चल चुका था की वह खुदकुशी कर लेगा तो आगे क्या होगा। शशि अपने परिवार का भविष्य देख कर खामोश हो चुका था तो उसने खुदकुशी का विचार बदल लिया था। उसने यह भी सोच लिया था कि बड़ी से बड़ी परेशानी आ जाए पर वह खुदखुशी कभी नहीं करेगा और अपने परिवार का हमेशा ख्याल रखेगा। लेकिन अब भी शशि यह भी सोच रहा था कि कशिश को कैसे उस गंदगी से निकाला जाए ताकि अब कोई उसके जिस्म से ना खेल सके,
वह खुद को संभालता हुआ फोन देखता है तो उस पर कशिश के 30 कॉल आये हुए थे। वह कशिश के पास वापस कॉल लगाता है, कशिश कॉल उठाती है और जोर-जोर से रोने लग जाती है बहुत कुछ बातों के बाद कशिश दुबारा बताती है कि हां मैं सौरभ के साथ ओयो गई हूँ। हमारे बीच सबकुछ हुआ है मेरा पहली बार था इसलिये बहुत दर्द भी हुआ और खून भी निकले। इतने में शशि बोल पड़ता है वह खून, मेरे प्यार और भरोसे के कत्ल के थे और दर्द आपसे सैकड़ों गुणा सहन कर रहा हूँ । शशि बोलता है कि कशिश मुझे आपके बारे में सब कुछ पता लग गया है कि आप कैसी लड़की हो और कितने लड़कों के साथ आपके संबंध है। लेकिन मैं आपसे सच्चा प्यार करता हूँ तो मेरी जिम्मेदारी है कि तुम्हें गंदगी के दलदल से बाहर निकालू ,

वह कशिश से पूछता है कि क्या सौरभ ने तुम्हारे साथ कोई वीडियो या फोटो क्लिक की है तो कशिश बोलती है नहीं उसने मेरे साथ कोई वीडियो और फोटो नहीं ली। शशि की यह चिंता तो दूर हो जाती है कि अब उसे कोई ब्लैकमेल करने वाला नहीं है।
उसे अब कशिश को उस गंदगी के दलदल से बाहर निकालना था जहां पर वह बहुत सालों से जकड़ी हुई थी तो वह कशिश से बोलता है कि सुनो जो भी इन 2 दिनों में हमने बात की है। वो मैंने सब अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर ली है। अब आप मेरे कहे अनुसार नहीं किए तो मैं यह सब आपके भाई और आपके पापा को भेज दूंगा। फिर आप घर में मुंह दिखाने लायक नहीं रहोगे और मरने के अलावा कोई चारा नहीं मिलेगा या फिर पापा आपकी जल्दी से जल्दी ऐसी ही किसी से शादी करवा देंगे। कशिश अब सिर्फ रोये जा रही थी। शशि फिर बोलता है अब आपको कल से ही अपनी जॉब छोड़नी होगी। आप कल से सिर्फ घर पर ही रहोगे। पढ़ोगे- लिखोगे और घर का काम करोगे। सब लड़कों से रिश्ते तोड़ दोगे। अपने मोबाइल से सब लड़कों के नंबर डिलीट कर दोगे और सब लड़को को व्हाट्सएप, फेसबुक से ब्लॉक। कशिश रोते हुए हां किए जा रही थी इस रात शशि और कशिश पूरी रात बातें करते हैं।

फिर अगली सुबह 10:00 बजे......

शेष कहानी कल अगले भाग में
-सनी लाखीवाल
05/01/2022

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