गजल-ए-इश्क

बोलती तश्वीर-48
तिथी-25/12/2017
वार-सोमवार

मोहब्बत में दिल गवायें बैठे हैं।
आस मिलन की लगाये बैठे हैं।।

सनम हम तुझसे मिलन को आतुर,
इंतजार  में  पलके बिछाये बैठे हैं।।

याद में तुम्हारी दिल हुआ खंडहर,
अश्को  से  दरिया बहाये बैठे हैं।।

सुखे दरख्तो-सी रुखी हैं जिन्दगी,
हरियाली  की चाह लगाये बैठे हैं।।

तुम लौट आओगे वापस जिन्दगी में,
शर्त चाँद  से  ये  लगाये  बैठे  हैं।।

सनी लाखीवाल
राजपुरा(शाहपुरा)जयपुर
#साहित्य सागर

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