Sunny ki Rajasthani kavita
Sunny
"राजस्थान दिवस पर मेरी राजस्थानी कविता"
म्हारो रेगिस्तान है धोरा रो,
योँ देश नही गोरा रो।
म्हे गाय समझा माता,
पाहुन ने समझा विधाता।
योँ घर हैँ जी मोरा रो।
म्हारो राजस्थान बड़ो प्यारो।1।
इसकी वेशभूषा सबसु न्यारी,
लागै छः केसर सी क्यारी।
यहाँ ऊँट राज्य पशु कहलाव,
कोयल राग-मलहार भी गाव।
योँ घर हैँ धाकड़ छोरा रो।
म्हारो राजस्थान बड़ो प्यारो।2।
यहाँ री माटी सोना ऊगळ,
यहाँ रो पानी अमृत लागै।
यहाँ पुरवाई री वात चाळ,
जो खुश्बु चन्दन सी लागै।
योँ घर हैँ जी शूरवीरा रो।
म्हारो राजस्थान बड़ो प्यारो।3!
यहाँ रो हवामहल बडो सुन्दर,
यहाँ री गौरी घालै घूमर।
यहाँ रो रुतबो बड़ो हैँ ऊचौ,
या बात कह छै कूचौ।
योँ घर हैँ समशेरा रो।
म्हारो राजस्थान बड़ो प्यारो।4।
यहाँ रो नमक सबने हैँ प्यारो,
यहाँ रो जयपुर सबसु न्यारो।
सगळा बोल छै राजस्थानी,
यहाँ मीठी छै सबकी वाणी।
योँ घर सबसु ही न्यारो।
म्हारो राजस्थान बड़ो प्यारो।5।
"राजस्थान दिवस री राजस्थान मै रहबाळा सगळा लोगा न घणी-घणी बधाई"
"राजस्थान दिवस पर मेरी राजस्थानी कविता"
म्हारो रेगिस्तान है धोरा रो,
योँ देश नही गोरा रो।
म्हे गाय समझा माता,
पाहुन ने समझा विधाता।
योँ घर हैँ जी मोरा रो।
म्हारो राजस्थान बड़ो प्यारो।1।
इसकी वेशभूषा सबसु न्यारी,
लागै छः केसर सी क्यारी।
यहाँ ऊँट राज्य पशु कहलाव,
कोयल राग-मलहार भी गाव।
योँ घर हैँ धाकड़ छोरा रो।
म्हारो राजस्थान बड़ो प्यारो।2।
यहाँ री माटी सोना ऊगळ,
यहाँ रो पानी अमृत लागै।
यहाँ पुरवाई री वात चाळ,
जो खुश्बु चन्दन सी लागै।
योँ घर हैँ जी शूरवीरा रो।
म्हारो राजस्थान बड़ो प्यारो।3!
यहाँ रो हवामहल बडो सुन्दर,
यहाँ री गौरी घालै घूमर।
यहाँ रो रुतबो बड़ो हैँ ऊचौ,
या बात कह छै कूचौ।
योँ घर हैँ समशेरा रो।
म्हारो राजस्थान बड़ो प्यारो।4।
यहाँ रो नमक सबने हैँ प्यारो,
यहाँ रो जयपुर सबसु न्यारो।
सगळा बोल छै राजस्थानी,
यहाँ मीठी छै सबकी वाणी।
योँ घर सबसु ही न्यारो।
म्हारो राजस्थान बड़ो प्यारो।5।
"राजस्थान दिवस री राजस्थान मै रहबाळा सगळा लोगा न घणी-घणी बधाई"
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